बिहार के समृद्ध लोकसंगीत परंपरा को जीवंत करेगी फोक स्टार बिहार : अनिल बालानी

शनिवार को रक्षाबंधन के शुभ अवसर पर निर्माता अनिल बालानी के अथक प्रयासों से फोक स्टार बिहार की शुरुआत की गई। इस उपलक्ष्य पर पटना में प्रेस वार्ता सम्मेलन का आयोजन भी किया गया। प्रेस वार्ता सम्मेलन के दौरान आईपीएस विकास वैभव,निर्माता अनिल बालानी,निर्देशक ऋतु श्रीवास्तव व जज सतेंद्र संगीत,मनीषा श्रीवास्तव व अभिषेक मिश्रा ने  मीडिया को संबोधन किया।

आईपीएस विकास वैभव ने कहा Folk Star Bihar  का उद्देश्य बिहार की समृद्ध लोकसंगीत परंपरा को संरक्षित करना, उसका सम्मान बढ़ाना और उसे नई पहचान देने के । हमारे यहाँ गांव-गांव में ऐसे बेहतरीन कलाकार हैं जिनकी आवाज़ में मिट्टी की महक है, पर उन्हें मंच और मौके नहीं मिलते। यह सिर्फ एक रिएलिटी शो नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक आंदोलन है—जिसके ज़रिए हम बिहार की लोक-आवाज़ों को दुनिया तक पहुँचाना चाहते हैं और उन्हें वह पहचान दिलाना चाहते हैं जिसके वे असली हक़दार हैं।”

निर्माता अनिल बालानी के अनुसार बसे बड़ी खासियत  यह है कि यह शो भोजपुरी, मैथिली, मगही, अंगिका और बज्जिका जैसी भाषाओं में गाए जा रहे लोकगीतों को एक आधुनिक मंच पर प्रस्तुत करता है, जिससे इन भाषाओं और संस्कृतियों को नया जीवन मिलता है। यह शो सिर्फ एक टैलेंट हंट नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक आंदोलन है जो गांव-गांव की आवाज़ को पहचान दिलाने और बिहार की समृद्ध विरासत को संरक्षित करने का कार्य कर रहा है।

बिहार का लोक संगीत इसकी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का जीवंत प्रतिबिंब है, जो यहाँ के लोगों के दैनिक जीवन, भावनाओं और परंपराओं में गहराई से रचा-बसा है। इसकी विशेषता इसकी सहज प्रामाणिकता और विविधता में है — जिसमें भोजपुरी, मैथिली, मगही, अंगिका और बज्जिका जैसी अनोखी शैलियाँ शामिल हैं, जो प्रेम, संघर्ष, भक्ति और उत्सव की कहानियाँ सुनाती हैं। ये गीत पीढ़ियों से चलते आ रहे हैं और अक्सर त्योहारों, विवाहों, फसल कटाई और धार्मिक अनुष्ठानों के अवसर पर गाए जाते हैं, जिससे ये परंपराएँ आज भी जीवित हैं और अतीत को वर्तमान से जोड़ती हैं। इस संगीत में एक आत्मा से जुड़ी सरलता होती है, जिसकी मिट्टी से जुड़ी धुनें और प्रभावशाली बोल समय और समुदायों की सीमाओं को पार कर जाते हैं।

Folk Star Bihar एक सशक्त अवसर प्रदान करता है बिहार की समृद्ध लोकसंगीत परंपरा को पुनर्जीवित करने और उसका उत्सव मनाने का। यह राज्य के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों से अनछुए, अनजाने प्रतिभाओं को मंच देने का कार्य करेगा। यह एक सांस्कृतिक आंदोलन का रूप ले सकता है, जो भोजपुरी, मैथिली, मगही, अंगिका और बज्जिका जैसी स्थानीय भाषाओं और परंपराओं पर गर्व की भावना को प्रोत्साहित करेगा। यह शो क्षेत्रीय गायकों के लिए एक ऐतिहासिक मंच बन सकता है, जो उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पहचान, संगीत उद्योग में अवसर और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के रास्ते खोल सकता है। ब्रांड्स और प्रायोजकों के लिए यह कार्यक्रम जनमानस, खासकर टियर-2 और टियर-3 शहरों से भावनात्मक जुड़ाव का माध्यम बन सकता है, जो दीर्घकालिक विश्वास और दृश्यता प्रदान करेगा।

चुनौतियाँ

निर्माता अनिल बालानी ने आगे कहा हालांकि, Folk Star Bihar को क्रियान्वित करना कई चुनौतियों के साथ आता है — जैसे कि दूरदराज़ क्षेत्रों में ऑडिशन आयोजित करने की लॉजिस्टिक जटिलताएँ, विभिन्न बोलियों और क्षेत्रों का समान और समावेशी प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करना। स्थानीय समुदायों के बीच विश्वास बनाना, भाषाई विविधता को संभालना, और प्रामाणिकता को बनाए रखते हुए उच्च गुणवत्ता वाले प्रोडक्शन को सुनिश्चित करना एक संतुलित दृष्टिकोण की मांग करता है। इसके अलावा, एक क्षेत्रीय प्रारूप के लिए मुख्यधारा मीडिया का ध्यान आकर्षित करना और व्यावसायिक प्रायोजन प्राप्त करना भी एक निरंतर प्रयास और रणनीतिक ब्रांडिंग की आवश्यकता होगी।

बिहार की फिल्म इंडस्ट्री, हालांकि मुख्यधारा की बॉलीवुड या अन्य क्षेत्रीय सिनेमाओं की तुलना में अभी विकासशील चरण में है, लेकिन इसमें अपार संभावनाएं छिपी हुई हैं, जो इसकी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, भाषाई विविधता और भावनात्मक रूप से जुड़ी कहानियों पर आधारित हैं। भोजपुरी, मैथिली, मगही और अन्य स्थानीय भाषाओं से गहराई से जुड़ा एक विशाल दर्शक वर्ग है, जो जमीनी और प्रासंगिक कंटेंट की माँग करता है। भारत और विदेशों में ओटीटी प्लेटफॉर्म्स व क्षेत्रीय कंटेंट की बढ़ती खपत ने बिहार केंद्रित कहानियों को वैश्विक दर्शकों तक पहुँचाने का मार्ग प्रशस्त किया है। साथ ही, स्थानीय प्रतिभाओं की बढ़ती भागीदारी, कम लागत में निर्माण की संभावनाएं, और क्षेत्रीय कला-संस्कृति को बढ़ावा देने में सरकार की रुचि बिहार की फिल्म इंडस्ट्री को एक सशक्त सांस्कृतिक और व्यावसायिक बाज़ार के रूप में स्थापित करने की दिशा में अग्रसर कर रही है।

बिहार की फिल्म इंडस्ट्री, हालांकि मुख्यधारा की बॉलीवुड या अन्य क्षेत्रीय सिनेमाओं की तुलना में अभी विकासशील चरण में है, लेकिन इसमें अपार संभावनाएं छिपी हुई हैं, जो इसकी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, भाषाई विविधता और भावनात्मक रूप से जुड़ी कहानियों पर आधारित हैं। भोजपुरी, मैथिली, मगही और अन्य स्थानीय भाषाओं से गहराई से जुड़ा एक विशाल दर्शक वर्ग है, जो जमीनी और प्रासंगिक कंटेंट की माँग करता है। भारत और विदेशों में ओटीटी प्लेटफॉर्म्स व क्षेत्रीय कंटेंट की बढ़ती खपत ने बिहार केंद्रित कहानियों को वैश्विक दर्शकों तक पहुँचाने का मार्ग प्रशस्त किया है। साथ ही, स्थानीय प्रतिभाओं की बढ़ती भागीदारी, कम लागत में निर्माण की संभावनाएं, और क्षेत्रीय कला-संस्कृति को बढ़ावा देने में सरकार की रुचि बिहार की फिल्म इंडस्ट्री को एक सशक्त सांस्कृतिक और व्यावसायिक बाज़ार के रूप में स्थापित करने की दिशा में अग्रसर कर रही है।

बिहार के समृद्ध लोकसंगीत परंपरा को जीवंत करेगी फोक स्टार बिहार : अनिल बालानी

  • Related Posts

    WBC Cares India Brings Hope To Young Aspirants At Jind, Haryana

    WBC Cares India, the humanitarian arm of WBC Cares Worldwide, held a heartwarming event in Jind, Haryana, reaffirming its commitment to empowering youth through sports and education. The initiative, chaired…

    Actress Sonia Sharma Shines As Adhura Khuaab Movie Gets International Recognition!

    Transitions have never been  easy. They aren’t meant to be. It’s not impossible either. From being news channel anchor to acting in tv serials (Vignaharta Ganesha, Veer Shivaji in a…

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    You Missed

    Grand Release Of “Anantata Ki Rah Par” — A Powerful Biography On Dr. Sandeep Marwah Unveiled At 11th Global Literary Festival Noida

    • By admin
    • October 13, 2025
    • 22 views

    Dr. Krishna Chouhan Hosted The 5th “Mahatma Gandhi Ratna Award 2025” In Mumbai

    • By admin
    • October 11, 2025
    • 22 views

    “संगीत जिवंत असेपर्यंत दीदी जिवंत राहतील.” — पं. ह्रदयनाथ मंगेशकर यांनी लता मंगेशकर यांच्या ९६व्या जयंतीनिमित्त दिदी पुरस्कार प्रदान सोहळ्यास नेतृत्व केले

    • By admin
    • October 11, 2025
    • 23 views

    “As Long As Music Lives, Didi Lives On.” — Pt. Hridaynath Mangeshkar Leads Didi Puraskaar Presentation Ceremony On Lata Mangeshkar’s 96th Birth Anniversary

    • By admin
    • October 11, 2025
    • 22 views

    WANDERING EYE An Exhibition Of Photographs By Sateesh Dingankar In Jehangir Art Gallery

    • By admin
    • October 11, 2025
    • 25 views

    Bahar-E-Urdu: Celebrating 50 Years Of Maharashtra Urdu Sahitya Academy

    • By admin
    • October 8, 2025
    • 17 views